"कल" के लिये अपना "आज" बर्बाद न करें.- फारूक अब्बास
फारूक अब्बास। जिन्दगी भागदौड का दूसरा नाम हो गयी हैै। आज हम ऐसी जिन्दगी जी रहे हैं जिसमें सिर्फ काम ही जरूरी है। लेकिन हम देखते हैं उन लोगों को जो एक रॉयल लाइफ जी रहे हैं। ऊपर वाला भी पता नही किस्मत कैसे लिखता है।
जिन्दगी के दो पहलू हैं कुछ लोग भागदौड में लगेे हैं कुुछ लोग सिर्फ एन्जाय कर रहे हैं। आखिर वो लोग कैसे एन्जाय कर लेेते हैं। जिन्दगी इतनी आसान तो नही हैं। फिर कैैसे वो अपने आप को इतना खुश रखते हैं फिर कैसे वो फेेसबुक पर स्टेटस अपलोड करते हैं #MASTI_WITH_FRIEND_IN MANALI ऐसे न जानें कितने स्टेटस हम पढते हैं। ऐसा लगता है मानों खुशियॉ हमें छोडकर सारी दुनिया के लिये हैं। हम अपने रोजमर्रा कामों से फ्री नही हो पाते अौर लोग पता नही कैैसे जिन्दगी केे मजे उठा रहे हैं।
कभी सोचा है कि क्या फॉमूूला है उनके पास। कहीं कोई जादू तो नही हैं। जो फट सेे उनके सारे काम हो जाते हैं। आखिर कैसे वो लोग रॉयल लाइफ जीते हैं। आज हम आपको बतातें हैं कि जिन्दगी का असली मकसद क्या हैै। इस पूरे आर्टिकल को ध्यान से पढियेगा शायद इसके बाद आपके जिन्दगी में एक बडा बदलाव आ जाऐ। यकींन मानिये अगर आपके गम्भीरता से इस लेख को पूरा पढ लिया तो आपको पता चल जाऐगा कि आप वास्तव जिन्दगी को क्या समझ बैठो हो।
दोस्तो मैं नास्तिक नही हूॅ मैं भी ईश्वर में विश्वास रखता हूॅूॅ। लेकिन जरा सोचिये स्वर्ग या नर्क किसने देखें हैं। सब मरनें के बाद की बातें हैं। सोचिये इस दुनिया में हम जीते हैं यही जिन्दगी हो और मरनें केे बाद सब खत्म। आज हम हैं कल क्या पता हम न हो। फिर क्यों हम कल सुबह होने वाली प्रॉबल्मस से डरते हैं। अपना कल बेहतर बनानें के लिये हम अपना आज क्यों बर्बाद करें। क्या आपके पास गारण्टी हैै कि कल आपका होगा। हॉ अपने भविष्य केे लिये हर कोई सोचता हैै लेकिन सिर्फ भविष्य के लिये सोचना मेरे ख्याल से तो बेवकूफी हैै। मैं आपको बेहतर कल बनानें के प्रयास के लिये मना तो नही करूॅगा लेकिन सिर्फ आप कल को बेहतर बनानें के लिये अपना आज गॅवा दे ये भी समझदारी नही हैं। सोचिये जिस कल के लिये आप तैयारी कर रहे हो वा कन्फर्म ही नही आये या न आये लेकिन जो आज आपके पास है वो कन्फर्म हैै। आज कन्फर्म आपका हैै फिर भी तैैयारी कल की हैं। जरा सोचिये क्या कर रहे हो आप।
अक्सर गॉवों में कुछ किस्से प्रचलित होती है ये किस्सा मुझे मेरी मम्मी ने बताया था। कि उनके गॉव में (मेरी ननिहाल) में एक बूढा आदमी और एक बूढी अौरत रहते थे। बहुत गरीब थे। लेकिन जब वो मर गये तो उनके घर से बडी मात्रा में सोनेे व पैसे निकले। जिसे देखकर उनके बच्चे भी हैरान थे। लेकिन बाद में बॅटबारा हो गया। कुछ समय तक तो उन बूढे दम्पति केे बारें में गॉव में चर्चाऐ होती रही लेकिन बाद में सब भूल गये। बेशक वो एक बडी सम्पत्ति अपने बच्चों केे लिये छोड गये। लेकिन खुद केे लिये क्या किया। पूरी जिन्दगी गरीबी में गुुजार दी। और अपने बच्चों की भी आधी उम्र गरीबी में गुजर गई। चलो वो उनकी किस्मत अच्छी थी। अगर सोचिये उनके बच्चों की म्रत्यु उनसे पहले हो जाती तो वो उस पैसाें का क्या करते। हो सकता है उनके बच्चों को बाद में कोई परेशानी न हुई हो लेकिन उस समय का क्या हिसाब जो उन्होने मुफलिसी में फटे पुराने कपडे पहन कर गुजार दिये। वो साथ लेकर क्या गये।
सिर्फ अपने कल को बेहतर बनानें में मत लगिये। अपने अाज को भी बेहतर बनानें की कोशिश कीजिये। कल किसी का नही होता। सबको पता हैै लोग चले जाते हैं लेेकिन कल नही आती। सबको पता है कल कभी नही आती। फिर हम उस कल के लियेे क्यों जी रहे हैं। हम अपनी खुशियॉ कल में क्यों तलाश रहे हैं। हम आज ही खुशियॉ क्यो नही मना रहे।
हम आज बाइक इसलिये नही ले रहे क्योंकि हमें कल कार खरीदनी हैं। आज हम ओटो रिक्शा में जा रहेे हैं क्योंकि हमें कल केे लिये कार खरीदनी हैं। हो सकता हैै हम कल को कार खरीद भी लें लेकिन हमारे उस आज का क्या जब हम पैदल जा रहे हैं।
हो सकता हैै हम कल को बहुत बडे आदमी बन जाऐं, हो सकता हैै हमारे पास कल बडी गाडियॉ हो, बंगले हो, सब कुछ हो सकता हैै। और इसी बीच ये भी हो सकता हैै कि कल हम ही न हों। एक आदमी अपनी जिन्दगी केे 40 किराये पर रहकर पैसे इकटठे करता हैै कि मैं अपना बंगला बनाऊगा। और फिर 40 साल बाद बगला बना भी लेता हैै। लेकिन वो उस बंंगले में सिर्फ 10 साल ही रह पाया। माना वो 10 साल सुकून सेे रहा लेकिन वो 40 साल का क्या जब हर 11वें महीनें उन्हे घर बदलना पडता था। अगर किराया 2-3 दिन लेट हो जाऐ तो मकान मालिक से बचनें के लिये कितनी बार सुबह जल्दी घर सेे निकलना पडता था या फिर रात को लेट आना पडता था। कही बार तो ऐसा भी होता था कि घर में होते हुुये भी बच्चों से झूठ बुलवाना पडता था अौर वो मकान मालिक हमारे बच्चों को भी खरी खोटी सुना कर जाता था। माना वो 10 साल शान से जिया लेकिन उन 40 साल का क्या जब उसेे किरायेदार के नाम से जाना जाता था। ऐसा नही था कि उसके पास घर बनानें को पैसे नही थे। उसके पास घर बनानें को पर्याप्त पैसे थे। लेकिन वो घर नही बंगला बनाना चाहता था। उसे पता था कि वो कल बना लेेगा। जब तक वो कल आया तब तक न जानें कितने आज बर्बाद हो गये। अगर ऐसा होता कि वो कल आता ही नही उससे पहले उसकी म्रत्यु हो जाती तो क्या होता।
आपने कभी छोटे बच्चे देखें हैं कितने खुश रहते हैं। अगर उन्हे किसी काम को करनें में मजा आता है तो आप फिर कितना भी मना करिये वो बार बार उसी काम को करते हैं। क्योंकि उन्हे कल की चिन्ता नही होती। फिर चाहे बाद में मार ही क्यों न पडे। आपको पता है कि कोई बच्चा किसी चीज की जिद करनें लगे तो उसे वो चीज आज ही चाहिये होती हैै। फिर आप कितना भी बोलिये कि कल दिला देंगे लेकिन वो नही मानेगा उसे आज ही चाहिये। क्यों कि अबोध बालक को भी पता होता है कल तो सिर्फ बहाना हैं।
दोस्तो कुुल मिला कर इतनी बात कहना चाहूॅगा कि अपने कल को बेहतर बनानें के लिये तैयारी जरूर करें लेकिन सिर्फ कल को बेहतर बनानें के लिये अपनें आज को बर्बाद न करें। क्योंकि आज अपना होता है और कल किसी का नही होता। आज केे इस लेख को कबीर जी के दोहे के साथ विराम देता हूॅूॅ। धन्यवाद
काल करे सो आज कर, आज करै सो अब।
पल मेंं परलय हो गई, बहुरी करैगा कब।
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